भीगें प्रेम की बारिश में
आओ सुनहरे सपने ओढ़ें,
नफरत से अपना नाता तोड़ें।
भीगें प्रेम की बारिश में।।
देखो सुहाना मौसम है,
फिर तुमको काहे का गम है
खो जायें बूदों की आतिश में।
भीगें प्रेम की बारिश में।।
दुख- सुख जीवन संगी हैं,
जीते वही जो उमंगी हैं।
जियें ख्वाबों की ख्वाहिश में
भीगें प्रेम की बारिश में।।
आओ लिखें ढाई आंखर मिलके,
बनाएं इक दुनियां सिलके।
शामिल होवें मेघों की साजिश में
भीगें प्रेम की बारिश में।।