Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2020 · 1 min read

भीख

भीख
★★★★
कहते हैं लाचारी इंसान को कितना बेबस बना देती है।कुछ ऐसा ही मि.शर्मा को अब महसूस हो रहा है।
कहने को तो चार बेटे बहुएं नाती पोतों से भरा पूरा परिवार है।मगर सब अपने अपने में मस्त हैं।
महल जैसे घर में मि.शर्मा अकेले तन्हाई में सिर्फ मौत की दुआ करते रहते हैं।शरीर कमजोर है,आँखों से कम दिखाई देता है।कानों से भी कम ही सुनाई देता है।
भोजन पड़ोसी दीपक के यहां से आता है।दीपक एक बेटे की तरह ही उनका ध्यान रखते हैं।उनके बच्चे भी समयानुसार देखभाल कर ही देते हैं।पति पत्नी तीज त्योहार पर आकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लेते हैं।ये सब किसी लालच में नहीं करते बल्कि अपने मां बाप की कमी के अहसास को महसूस कर मि.शर्मा में उनका अक्स दिखने और बुजुर्ग के आशीर्वाद की आकांक्षाओं के कारण करते हैं।
आखिरकार मि.शर्मा नहीं रहे।दीपक ने अपने कर्तव्य बोध के कारण उनके बेटों को सूचित कर दिया।सबने सुन लिया परंतु कोई जवाब नहीं दिया।
थोड़ी देर बाद शर्मा जी के बड़े बेटे का फोन आया कि आप अंतिम संस्कार कर दीजिये, जो भी खर्च होगा हम आपको भेज देंगें।
एक पल के लिए तो दीपक स्तब्ध हो गया, फिर खुद को संभाला और जवाब दिया-मि…।अपना पैसा अपने पास रखिए।मुझमें इतनी तो सामर्थ्य है ही कि बाप का क्रियाकर्म करने के लिए तुम्हारे भीख की जरूरत नहीं है।
……और फोन काट दिया।
जिसनें भी सुना वे सभी शर्मा जी के बेटों को लानत मार रहे थे।
◆सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
2 Likes · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे जीवन में सबसे
मेरे जीवन में सबसे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
पूर्वार्थ
"कोहरा रूपी कठिनाई"
Yogendra Chaturwedi
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
* माथा खराब है *
* माथा खराब है *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लौटेगी ना फिर कभी,
लौटेगी ना फिर कभी,
sushil sarna
रदुतिया
रदुतिया
Nanki Patre
★दाने बाली में ★
★दाने बाली में ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
प्यार मेरा बना सितारा है --
प्यार मेरा बना सितारा है --
Seema Garg
घड़ी
घड़ी
SHAMA PARVEEN
"सितम के आशियाने"
Dr. Kishan tandon kranti
56…Rajaz musaddas matvii
56…Rajaz musaddas matvii
sushil yadav
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कविता
कविता
Neelam Sharma
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
* तेरी सौग़ात*
* तेरी सौग़ात*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Keep yourself secret
Keep yourself secret
Sakshi Tripathi
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
.
.
Ms.Ankit Halke jha
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हे ! गणपति महाराज
हे ! गणपति महाराज
Ram Krishan Rastogi
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
संविधान
संविधान
लक्ष्मी सिंह
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
अपने अपने कटघरे हैं
अपने अपने कटघरे हैं
Shivkumar Bilagrami
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
23/89.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/89.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
यलग़ार
यलग़ार
Shekhar Chandra Mitra
Loading...