भाषा
भाषा और सुई अहंइ दूनउ एक समान ।
इक कपड़े को जोड़ती इक जोड़इ इंसान ।।
मद्यपान मदपान में अंतर केवल एक ।
एक पिये देवै नशा देत हमेशा एक ।।
दुख के बिन सुख ना रहें दुहू रहैं इक संग ।
जब दुलरावैं फूल को काँटे बेधत अंग ।।
अशोक मिश्र
भाषा और सुई अहंइ दूनउ एक समान ।
इक कपड़े को जोड़ती इक जोड़इ इंसान ।।
मद्यपान मदपान में अंतर केवल एक ।
एक पिये देवै नशा देत हमेशा एक ।।
दुख के बिन सुख ना रहें दुहू रहैं इक संग ।
जब दुलरावैं फूल को काँटे बेधत अंग ।।
अशोक मिश्र