भाव अंजुरि (मैथिली गीत)
भाव अंजुरि
(मैथिली गीत)
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चलू प्रीतक नवरीत, गढ़ब सजनी ,
छोड़ब क्लेशक विचार ,
करब सदिखन हम प्यार,
आब पीडा दिलक नहिं, सहब सजनी…
छोड़ू खटपट केऽ बाति ,
सांझि भिनसर दिनराति ,
चंदा सनि शीतलअहांकेऽ स्नेहक जेऽ धार ,
रुठब जे अहां, तेऽ हम करब मनुहार,
आन्हर क्रोधक बसात सेऽ,बचब सजनी…
आब पीडा दिलक नहिं, सहब सजनी…
छोड़ू गुस्सा हजार ,
करु प्यारक इजहार ,
तोड़ु मौन मनमीत ,
गाएब जीवन संगीत ,
अहां राधा बनब ,
हम कान्हा कऽ प्यार, छींटब सजनी…
आब पीडा दिलक नहिं, सहब सजनी…
राखू नहिं , मन में विद्वेष ,
रहब सोहागिन के भेष ,
करु सोल्हो श्रृंगार ,
मनवा गाबऽ मल्हार ,
अहां निशि दिन सजब ,
हम देखब अहांकऽ, अपलक सजनी…
आब पीडा दिलक नहिं, सहब सजनी…
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १२ /१२/२०२२
पौष, कृष्ण पक्ष,चतुर्थी ,सोमवार
विक्रम संवत २०७९
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