Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2021 · 1 min read

विश्वास की डोरी से बंधा

सच्चा, पक्का, कच्चा ये मन का धागा
विश्वास, स्नेह, प्यार की डोरी से बांधा

सम्भाले हैं कुछ रिश्ते , हैं भावनाओं के
जोड़ें रखती, मायके की यादों का धागा

शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
Jogendar singh
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
नरक और स्वर्ग
नरक और स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वतन के तराने
वतन के तराने
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
"तुलना"
Dr. Kishan tandon kranti
जीना सिखा दिया
जीना सिखा दिया
Basant Bhagawan Roy
I got forever addicted.
I got forever addicted.
Manisha Manjari
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
आंख में बेबस आंसू
आंख में बेबस आंसू
Dr. Rajeev Jain
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
सत्य कुमार प्रेमी
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
3033.*पूर्णिका*
3033.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
Lokesh Sharma
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
*सर्राफे में चॉंदी के व्यवसाय का बदलता स्वरूप*
*सर्राफे में चॉंदी के व्यवसाय का बदलता स्वरूप*
Ravi Prakash
#रोज़मर्रा
#रोज़मर्रा
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
gurudeenverma198
महाकाल का संदेश
महाकाल का संदेश
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
बेजुबानों से प्रेम
बेजुबानों से प्रेम
Sonam Puneet Dubey
If I were the ocean,
If I were the ocean,
पूर्वार्थ
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दोहे एकादश...
दोहे एकादश...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुबह -सुबह
सुबह -सुबह
Ghanshyam Poddar
वक़्त  बहुत  कम  है.....
वक़्त बहुत कम है.....
shabina. Naaz
Loading...