Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2024 · 1 min read

“भालू”

“भालू”
कभी मदारी आता था
डम डम डमरू बजाता था
भालू को नचाता था
सबका मन बहलाता था।
दूर से भालू सूंघ लेता है
अकेला ही रह लेता है
दाँत होते बड़े नुकीले
पानी में भी तैर लेता है।

3 Likes · 3 Comments · 90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
"I’m now where I only want to associate myself with grown p
पूर्वार्थ
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
Pratibha Pandey
इक क़तरा की आस है
इक क़तरा की आस है
kumar Deepak "Mani"
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
DrLakshman Jha Parimal
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
जीवन जोशी कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर
जीवन जोशी कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गरबा नृत्य का सांस्कृतिक अवमुल्यन :जिम्मेवार कौन?
गरबा नृत्य का सांस्कृतिक अवमुल्यन :जिम्मेवार कौन?
मनोज कर्ण
Only attraction
Only attraction
Bidyadhar Mantry
मनोभाव
मनोभाव
goutam shaw
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
manjula chauhan
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
Rituraj shivem verma
🤲
🤲
Neelofar Khan
गुलमोहर
गुलमोहर
डॉ.स्नेहलता
कहते  हैं  रहती  नहीं, उम्र  ढले  पहचान ।
कहते हैं रहती नहीं, उम्र ढले पहचान ।
sushil sarna
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
आप ज्यादातर समय जिस विषयवस्तु के बारे में सोच रहे होते है अप
आप ज्यादातर समय जिस विषयवस्तु के बारे में सोच रहे होते है अप
Rj Anand Prajapati
नज़र
नज़र
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माफिया
माफिया
Sanjay ' शून्य'
अरमान गिर पड़े थे राहों में
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
जीवन मंथन
जीवन मंथन
Satya Prakash Sharma
मंद बुद्धि
मंद बुद्धि
Shashi Mahajan
"दरमियां"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...