*भारत*
“” भारत “”
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( 1 ) ” भा “, भारत भाग्य विधाता
जय जय जय माँ भारती !
चहुँदिशाएं गूंजें जयनारे…….,
वन्देमातरम जय भारती !!
( 2 ) ” र “, रथ सिंह पे होके आरुढ़
जब चले है भारतमाता !
होए गर्जना दसों दिशाएं……,
गाएं भारत की मिल जयगाथा !!
( 3 ) ” त “, तप यज्ञ और साधना की
है ये देव ऋषि भूमि भारत !
धर्म परंपराएं हैं सभी सनातनी…..,
जय जय जय मातृभूमि भारत !!
( 4 ) ” भारत “, भारत बसता है गांव-गांव में
चलें हर आनन पे खुशियाँ छाएं !
माँ के आँचल छाँव में रहकर….,
नयनों में प्रेम आनंदरस भर आए !!
( 5 ) ” भारत “, भारत की इस पावन भूमि से
जिसने है भाल पे तिलक सजाया !
हुआ उसका ही यहां पे जन्म सफल..,
और मोक्ष उसी को मिल पाया !!
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सुनीलानंद
गुरुवार,
09 मई, 2024
जयपुर,
राजस्थान |