*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद (कुंडलिया)
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भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद
आजादी की तब जगी , भारत में उम्मीद
भारत में उम्मीद , तिरंगा तब फहराया
लाल किले ने गान ,देश जन-गण-मन गाया
कहते रवि कविराय, राष्ट्र नित शीश झुकाता
धन्य-धन्य हे वीर , धन्य हे भारत माता
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शहीद = सत्य के लिए लड़ते हुए मरने वाला, कर्तव्य के लिए अपने को कुर्बान कर देने वाला
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451