भारत माता अभिनंदन दिवस
अब यह बताने का कोई मतलब तो नहीं
कि ग्यारह सितंबर अठारह सौ तिरानबे को
शिकागो विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द जी ने
महज दो मिनट के अपने भाषण से
सारी दुनिया को चौंका दिया था
भारत माता की छवि को चमका दिया था।
साथ ही साथ एक नारा भी दिया
“उठो, जागो और तब तक मत रुको
जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए” से
दुनिया को आगे बढ़ने का जीवन मंत्र दे दिया
एक युवा संत युवाओं की प्रेरणा का स्रोत बन गया।
पर यह विडंबना नहीं तो और क्या है
कि आज जिन युवा कंधों पर
भारत माता के अभिनंदन, मान -सम्मान का दायित्व है
वे युवा ही सबसे ज्यादा गुमराह हो रहे हैं।
आप मानें या न मानें आपकी मर्जी
भारत माता का दर्द रोज ही बढ़ा रहे हैं।
इतना तक ही होता तो भी इतना दर्द नहीं होता
हमारी सरकारें, जनप्रतिनिधि भी जाने कहाँ सो रहे हैं
जो काम कब का हो जाना चाहिए था
आज उसके लिए टुकड़ों टुकड़ों में मांग करना पड़ रहा है।
ग्यारह सितंबर भारत माता अभिनंदन दिवस घोषित हो
इसकी भीख हमें सरकार से मांगना पड़ रहा है।
मेरा आज हर एक भारतवासी से बस इतना ही कहना है
सरकार कुछ करे न करे, इसकी चिंता छोड़
हम आप सब भारत माता का नित नमन वंदन करें
आज ग्यारह सितंबर को अपनी जन्मदायिनी माता और
हरेक माता भारत माता का विशेष अभिनंदन करें।
अब सरकार के भरोसे न रहें
बल्कि सरकार को ही आईना दिखाएं।
स्व घोषित भारत माता अभिनंदन दिवस
आज हम आप सब भव्यता से मनाएं,
भारत माता अभिनंदन दिवस घोषित स्वयं करें।
भारत माता का जयघोष इतना जोर शोर से करें
कि सरकार भी हमारी आपकी भावनाओं पर
विचार करने पर विवश हो जाये,
लंबे समय से हम सबकी मांग को मान जाये,
साथ ही आज के दिवस ग्यारह सितंबर को
भारत माता अभिनंदन दिवस आज ही घोषित करे,
और हमारे साथ वो भी आज
भारत माता अभिनंदन दिवस भव्यता से मनाए,
हर भारतवासी का मान बढ़ाए
आज का दिवस सदा के लिए इतिहास बन जाये।
सुधीर श्रीवास्तव