Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2023 · 1 min read

भारत चाँद पर छाया हैं…

भारत चाँद पर छाया हैं…

माना के तू चाँद है
भारत में सोमनाथ सिवान है
विक्रम राह से भटका था
तू तनिक हाथ से छिटका था

ऑर्बिटर से घिरा है तू
कैसा सरफिरा है तू ?
विक्रम फिर से जुड़ जायेगा
तू कहीं और ना मुड़ पायेगा

हमने हाथ बढ़ाया है
तेरा भी मान बढ़ाया है
मत सोलह कलायें हमें दिखा
इनको हमनें ही खोजा सीखा

ऋषि दक्ष गौतम को
क्या तू गया है भूल ?
याद है दामन जमीं वो कालिख धूल
जो अक्षों को भूलता है
सदा भँवर में झूलता है

हम मामा तुझे बुलाते है
मान मिठाई खिलाते है
तब तक व्रत ना खोलेंगे
तेरे आँगन में ना डोलेंगे

ना तू हमकों आँख दिखा
ये हमनें भी खूब सीखा
आँख घूमा लाता ज्वार
आँख घूमा भाटा उतार

टेढ़ी नजर से ज्वार उठा
सारे भारत पर दुख टूटा
स्वागत सत्कार की कर ले तैयारी
उतरेगी चाँद पर भारत सवारी

इसरो भारत की धड़कन है
ये स्वाभिमान का दर्पण है
इसरो छलाँग लगाता है
अंतर्ग्रहों तक जाता है

हमें कोई ना रोक पाएगा
भारत चाँद पर छाएगा
तू अब ना आँख दिखाएगा
भारत चाँद पर छायेगा…

कोटि आँखें क्षण झपकी ना चार साल
आज दुनिया मिला रही ताल से ताल

तुझे नापने का हमनें वचन निभाया हैं
मामा देख! आज भारत चाँद पर छाया हैं
देखो भारत चाँद पर छाया हैं।

स्वरचना: शांतिलाल सोनी
ग्राम कोटड़ी सिमारला
तहसील श्रीमाधोपुर
जिला नीमकाथाना
राजस्थान

1 Like · 183 Views

You may also like these posts

- तुमसे प्यार हुआ -
- तुमसे प्यार हुआ -
bharat gehlot
'मूक हुआ आँगन'
'मूक हुआ आँगन'
जगदीश शर्मा सहज
तुम्हारा नाम
तुम्हारा नाम
अंकित आजाद गुप्ता
ख़्वाबों की दुनिया
ख़्वाबों की दुनिया
Dr fauzia Naseem shad
आप थे साथ वरना खो जाते
आप थे साथ वरना खो जाते
Dr Archana Gupta
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
Dr. Man Mohan Krishna
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
दूर भाग जाएगा ॲंधेरा
दूर भाग जाएगा ॲंधेरा
Paras Nath Jha
तुझमें बसते प्राण मेरे
तुझमें बसते प्राण मेरे
ललकार भारद्वाज
27-28 साल की बिन ब्याही लड़कियाँ और बेरोज़गार लड़के, धरती पर
27-28 साल की बिन ब्याही लड़कियाँ और बेरोज़गार लड़के, धरती पर
पूर्वार्थ
मदिरा
मदिरा
C S Santoshi
3720.💐 *पूर्णिका* 💐
3720.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
Santosh Soni
मैंने उसे जुदा कर दिया
मैंने उसे जुदा कर दिया
Jyoti Roshni
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Upasana Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
रामपुर का इतिहास (पुस्तक समीक्षा)
रामपुर का इतिहास (पुस्तक समीक्षा)
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
Sonam Puneet Dubey
पद मिल जाए बिना प्रतिभा के तो धृतराष्ट्र बनते हैं( कुंठित लो
पद मिल जाए बिना प्रतिभा के तो धृतराष्ट्र बनते हैं( कुंठित लो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
Rj Anand Prajapati
मैं एक महाकाव्य बनना चाहूंगी
मैं एक महाकाव्य बनना चाहूंगी
Ritu Asooja
रुलाई
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बड़ी मां
बड़ी मां
Nitin Kulkarni
बड़े ही खुश रहते हो
बड़े ही खुश रहते हो
VINOD CHAUHAN
"गरीबों की दिवाली"
Yogendra Chaturwedi
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...