भारत चाँद पर छाया हैं…
भारत चाँद पर छाया हैं…
माना के तू चाँद है
भारत में सोमनाथ सिवान है
विक्रम राह से भटका था
तू तनिक हाथ से छिटका था
ऑर्बिटर से घिरा है तू
कैसा सरफिरा है तू ?
विक्रम फिर से जुड़ जायेगा
तू कहीं और ना मुड़ पायेगा
हमने हाथ बढ़ाया है
तेरा भी मान बढ़ाया है
मत सोलह कलायें हमें दिखा
इनको हमनें ही खोजा सीखा
ऋषि दक्ष गौतम को
क्या तू गया है भूल ?
याद है दामन जमीं वो कालिख धूल
जो अक्षों को भूलता है
सदा भँवर में झूलता है
हम मामा तुझे बुलाते है
मान मिठाई खिलाते है
तब तक व्रत ना खोलेंगे
तेरे आँगन में ना डोलेंगे
ना तू हमकों आँख दिखा
ये हमनें भी खूब सीखा
आँख घूमा लाता ज्वार
आँख घूमा भाटा उतार
टेढ़ी नजर से ज्वार उठा
सारे भारत पर दुख टूटा
स्वागत सत्कार की कर ले तैयारी
उतरेगी चाँद पर भारत सवारी
इसरो भारत की धड़कन है
ये स्वाभिमान का दर्पण है
इसरो छलाँग लगाता है
अंतर्ग्रहों तक जाता है
हमें कोई ना रोक पाएगा
भारत चाँद पर छाएगा
तू अब ना आँख दिखाएगा
भारत चाँद पर छायेगा…
कोटि आँखें क्षण झपकी ना चार साल
आज दुनिया मिला रही ताल से ताल
तुझे नापने का हमनें वचन निभाया हैं
मामा देख! आज भारत चाँद पर छाया हैं
देखो भारत चाँद पर छाया हैं।
स्वरचना: शांतिलाल सोनी
ग्राम कोटड़ी सिमारला
तहसील श्रीमाधोपुर
जिला नीमकाथाना
राजस्थान