भारत खोज
जैन को देखा तो चैन आया ।
बौद्ध को देखा तो मौन आया ।
चार्वाक को देखा तो धन, काम आया।
वेदांत को देखा तो भारत नाम आया । _ डॉ. सीमा कुमारी ,
नोट :_ कविता लिखना मुझे खुशी देती है । मेरी जरूरत है, मेरे भावों की अभिव्यक्ति मात्र नही , मेरे संपूर्ण व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति हैं । मेरी सारी रचना स्वरचित है । अन्यथा वहाँ मैं साइन नहीं करती अपनी .जिसकी ; जिसके द्वारा लिए गए वो लिखती हूँ। ये अहंकार मत समझिए गा कृपया ।