‘भारत के लाल’
भारत भूमि के लाल,
कर गये थे कमाल,
काट गए पाक जाल,
वाह-वाह जग कहे।
काल से बरस पड़े,
हिम श्रृंग चढ़ चले,
कथा नव गढ़ चले,
शत्रु के बंकर ढहे।
आन-बान-शान तेरी,
रहे अति ही घनेरी,
जग में ऊँची अपनी
विजय पताका रहे।
करगिल दिवस पे,
दीपक अखंड जले,
स्वदेश हित भावना,
हर हृदय में बहे।
गोदाम्बरी नेगी