भारतवर्ष
जहॉं के ऐसे अनमोल विचार ,
रंग-रुप,जाति-धर्म का न भेदभाव ,
जहॉं के चार महान क्रांतिकारी ,
बापू , नेहरू , शास्त्री ,कलाम ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
भारत मॉं के सच्चे देशभक्त ,
मौर्य,शिवाजी, प्रताप, चौहान ,
जहॉं के चार महान विद्वान ,
चाणक्य, बौद्ध, आर्यभट्ट, कबीर ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
जहॉं के कण – कण में वास ,
विष्णु , शिव , राम , गोपाल ,
जिसको जाना जाता अतीत में ,
सोने की चिड़ियों वाला मुल्क ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
जहॉं के प्रत्येक नागरिक को ,
स्वतंत्रता का है पूर्ण अधिकार ,
सत्य,न्याय के लिए लड़ने को ,
बाध्य जहॉं का बच्चा-बच्चा है ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
स्वतंत्रता संग्राम के महायज्ञ में ,
हँस-हँसकर अपनी आहुति दे दी ,
लक्ष्मी , मंगल ,सुभाष ,चंद्रशेखर ,
नमन करती जगत इन वीर सपूतों को ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
पाँच सौ शताब्दी से भी अधिक शासन कर ,
जहाँ की जनता पर दर्दनाक अत्याचार हुआ ,
जहाँ करोड़ों निर्दोषों जन की निर्मम हत्या हुई ,
जालियावाला बाग जैसे अनेक हत्याकांड हुए ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
जहाँ की मिट्टी सोना उगले ,
जल अमृत बन धरा पर बरसे ,
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख,ईसाई ,
जहाँ मिलकर सब भाई – भाई ,
वो है भारतवर्ष हमारा।
लेखक :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार