Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2020 · 1 min read

भानु रथ रुके न एक ही गाँव

दिनभर मेहनतकश मेहनत कर
करे प्रतीक्षा आए शाम ।
ढले शाम, हो रात आगमन
मन भर कर करने विश्राम ।
यो ही नित्य चले है नश्वर
दिन के बाद रात का दाँव ।
भानु रथ रुके न एक ही गाँव।

स्वर्णिम आभा सौप साँझ को
शुभ रात्रि का दे पैगाम ।
फिर मिलेंगे कह कर सूरज
चल देता है अगले धाम ।
अंधकार आभार जताने
दौड़ा आता नंगे पाँव।
भानु रथ रुके न एक ही गाँव ।।

देख गगन को रंग बदलते
पक्षि लौटते निज निज वृक्ष ।
पाकर कुशलक्षेम निजनिज की
वृक्ष भी सोते हैं हो दक्ष ।
सूरज देख लौट कर आता
पेड़ पुन: कर देते छाँव ।
भानु रथ रुके न एक ही गाँव ।।

Language: Hindi
312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all
You may also like:
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
Rj Anand Prajapati
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
Dushyant Kumar
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
* का बा v /s बा बा *
* का बा v /s बा बा *
Mukta Rashmi
दुनिया कितनी निराली इस जग की
दुनिया कितनी निराली इस जग की
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
"मोहब्बत में"
Dr. Kishan tandon kranti
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
खेत का सांड
खेत का सांड
आनन्द मिश्र
4217💐 *पूर्णिका* 💐
4217💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
रींगस वाली राह पकड़कर
रींगस वाली राह पकड़कर
अरविंद भारद्वाज
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
Manisha Manjari
🙅DNA REPORT🙅
🙅DNA REPORT🙅
*प्रणय*
तुम्हारे इश्क में इतने दीवाने लगते हैं।
तुम्हारे इश्क में इतने दीवाने लगते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
ज़रूरी ना समझा
ज़रूरी ना समझा
Madhuyanka Raj
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*** मन बावरा है....! ***
*** मन बावरा है....! ***
VEDANTA PATEL
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
बेईमानी का फल
बेईमानी का फल
Mangilal 713
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव
Shashi kala vyas
बिना साधना के भला,
बिना साधना के भला,
sushil sarna
हिंदी भाषा
हिंदी भाषा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
11. *सत्य की खोज*
11. *सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...