Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2024 · 1 min read

” भाग्य “

” भाग्य ”
‘भाग्य’ कटघरा में खड़ा हुआ कर्म का प्रतीक्षक है।

2 Likes · 2 Comments · 68 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

दूसरे में गलती ढूंढने के बजाय हमें स्वयं के अंदर खोज करना चा
दूसरे में गलती ढूंढने के बजाय हमें स्वयं के अंदर खोज करना चा
Ravikesh Jha
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
होली
होली
Meera Singh
हिंदी हमारे देश की एक भाषा मात्र नहीं है ,
हिंदी हमारे देश की एक भाषा मात्र नहीं है ,
पूनम दीक्षित
- उस पर लिखते ही गहलोत की कलम भी आंसू बहा रही -
- उस पर लिखते ही गहलोत की कलम भी आंसू बहा रही -
bharat gehlot
2499.पूर्णिका
2499.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मोहब्बत जो हमसे करेगा
मोहब्बत जो हमसे करेगा
gurudeenverma198
Extra Charge
Extra Charge
AJAY AMITABH SUMAN
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
Kumar Kalhans
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
जब तुम
जब तुम
Dr.Priya Soni Khare
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
गुमनाम 'बाबा'
या खुदा ऐसा करिश्मा कर दे
या खुदा ऐसा करिश्मा कर दे
अरशद रसूल बदायूंनी
बेचारा दिन
बेचारा दिन
आशा शैली
इम्तिहान
इम्तिहान
Mamta Rani
जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
दीपक झा रुद्रा
खुद के वजूद को।
खुद के वजूद को।
Taj Mohammad
"My friend was with me, my inseparable companion,
Chaahat
हमें क्या पता मौत को गले लगाने जा रहे थे....😥😥😥
हमें क्या पता मौत को गले लगाने जा रहे थे....😥😥😥
Harminder Kaur
■मौजूदा दौर में...■
■मौजूदा दौर में...■
*प्रणय*
Plastic Plastic Everywhere.....
Plastic Plastic Everywhere.....
R. H. SRIDEVI
तुमसे नैना क्या मिल गए
तुमसे नैना क्या मिल गए
Sonam Puneet Dubey
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
Shreedhar
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पुस्तक
पुस्तक
Nitesh Shah
*भगवान कृष्ण ने गीता में, निष्काम कर्म को गाया था (राधेश्याम
*भगवान कृष्ण ने गीता में, निष्काम कर्म को गाया था (राधेश्याम
Ravi Prakash
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
Ravi Betulwala
“अधूरी नज़्म”
“अधूरी नज़्म”
Meenakshi Masoom
Loading...