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1 Jun 2023 · 1 min read

भाग्य पर अपने

अभावों में देखों खो रहा बचपन ।
स्वयं को स्वयं ही ढो रहा बचपन ।।
राष्ट्र की अनमोल जो धरोहर है।
भाग्य पर अपने रो रहा बचपन ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
14 Likes · 435 Views
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