भाई
भाई से बहन की इल्तिज़ा
आयेगी याद भाई तेरी मैं आँखों से आँसू बहा लूँगी।
रख सीने पर हाथ अपने खुद को समझा लूँगी।।।।
भाई तेरा प्यार और स्नेह हमेशा साथ रहे मेरे।
ऐसा आशीष ख़ुदा से मैं माँग लूँगी।।।।
तुम खुश रहो सदियों सदियों तक तुम्हे कोई गम छू न पाये।।
तेरी हिस्से की सारी तक़लीफ़ मैं उठा लूँगी।।
माँ पिता का तू ख्याल रखना,न कोई मलाल रखना।
मैं दूर से ही तुझे दुआ दे लूँगी।।
ना मैं तुझसे सोना माँगू और न हीरे माँगू।
मैं तो सिर्फ़ तू हालचाल पूछ लें बस यहीं चाह कर लूँगी।।।।
राखी की तू लाज सदा रख लेना।
मैं तो बस तुझसे यहीं इनाम माँग लूँगी।।।।।।
बस भाई मेरी तुझसे यही गुज़ारिश है।
माता पिता को तुमने दी यातना गर तो हमेशा के लिए मैं उन्हें अपने पास रख लूँगी।।।।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन
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