भाई – बहिन
भाई-बहिन
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बहना याद आती हो तुम
जब आज नहीं पास मेरे
जीजू के घर की शोभा तुम
दौज पर तू आती याद
याद आती है तेरी स्मृतियाँ
मेरा रूठ जाना तेरा मनाना
आज जब तू नहीं पास
दौज पर है माथा सूना
सरगम सी किलकारी गूँजती
सूने सूने से आँगन में
मन में आह्लाद लाती बहना तुम
दौज पर आती हो याद
बहना तेरा मन्द मन्द मुस्कराना
फिर गुस्सा करना तुनकना
बात को मेरी समझ कर
बैठाल कर समझाना बहना
दौज पर याद तेरी ले आया
कालेज के बाद शाम को बैठ
मेरे पास बैठ बातें करना
मेरी बेबकूफियों पर हँसना
डॉट लगा प्यार से समझाना
कभी दोस्त बनके मुझे फुसलाना
अच्छी नसीहतें देना
कभी प्यार भरी दुत्कार देना
फिर माँ जैसा दुलार देना
याद मुझे तेरी दिला देता
भाई-दूज पर तुम्हारा टीका
रोली का टीका लगाना
मिठाई खिला दिल से दुआ देना
याद तुम्हारी ताजा कर जाता है
आज जब सात समुन्दर पार
बसी अपने छोटे से संसार में
वो लाड़ प्यार दुलार तेरा
आँखों में नमी सी ला देता है
डॉ मधु त्रिवेदी