*”भाई दूज “*
“भाई दूज”
यम द्वितीया का पावन पर्व ,
भाई बहन का अनमोल रिश्ता ।
अटूट विश्वास श्रद्गा स्नेहिल प्रेम भाव से ,
कुंकुम रोली अक्षत तिलक ,
माथे पे लगाएं।
पुलकित मनभावन मंगल बेला में,
थाल सजाये बहना खड़ी हुई ।
बाट जोहती भईया की।
ममतामयी अपनापन छलके।
प्रीत की रीत निभाते ,विपदाओं से जूझते हुए,
बंधन प्रीत का टूटे न कभी ,
बरसते रहे खुशियां अपार।
दीपक सा रोशन हो ,जुगजुग जीये भइया हमारा।
स्नेहिल प्रेम का सुखद उपहार ,
भाई बहनों का अंनत प्रेम ।
भाई के मंगल दीर्घायु चिरायु ,आरोग्य स्वास्थ्य कामना।
सुखी जीवन का खजाना ,
चाहे सुख हो या दुख हो ,हमेशा चहकते खिलखिलाना।
मंगलमयी शुभ बेला में,
आशीष संग जीवन की मंगलकामना।
सलामत रहे मेरा भैया ,यही दुआयें करती है बहना।
भाई बहनों का पवित्र बंधन ,
रेशम की डोरी से बंधे ही रहना।
खुशियों में झूमे सारा संसार ,
चाँद की चांदनी सी चमक लिए ,
भाई बहनों का अटूट विश्वास सदाबहार।
शशिकला व्यास