Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2019 · 1 min read

भाई चारा

भाई चारा
*********
संत ज्ञानी कहते है भाई चारा अपनाओ,
प्रेम सदभाव की गंगा को जीवन में बसा लो।
मत करो बैर भाव सत्य असत्य को जानो,
भाई की इस रिश्ता में प्रेम की दिया जला दो।
मिलजुल कर कठिन परिश्रम तुम कर लो ,
मंजिल आसमां की सफलता को तुम पा लो।
देख कर दंग हो जाय ये दुनिया वालो,
भाई तुम अनुकरणीय उदाहरण बन जाओ।
मानवता का प्रथम धर्म तुम अपना लो ,
प्रेम सौहार्द्र का भाई चारा बना लो ।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई कोई भी हो,
भाई चारा की एकता मिसाल कायम हो।
मंदिर में शंख फुक दो या अजान पढ़ दो,
नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो।
भाई – भाईजान ईद होली अब संग मना लो,
कहीं अंधेरा न हो ऐसा कोई काम कर दो।
*********************************
कवि डिजेंद्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना , बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
2 Likes · 472 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नए दौर का भारत
नए दौर का भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरे होंठों पर
मेरे होंठों पर
Surinder blackpen
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
*Author प्रणय प्रभात*
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
एक गुनगुनी धूप
एक गुनगुनी धूप
Saraswati Bajpai
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बेटी दिवस पर
बेटी दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ राज, राज रहने दो राज़दार।
कुछ राज, राज रहने दो राज़दार।
डॉ० रोहित कौशिक
अजीब मानसिक दौर है
अजीब मानसिक दौर है
पूर्वार्थ
खुद को कभी न बदले
खुद को कभी न बदले
Dr fauzia Naseem shad
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
लज्जा
लज्जा
Shekhar Chandra Mitra
ये लोकतंत्र की बात है
ये लोकतंत्र की बात है
Rohit yadav
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
हिन्दु नववर्ष
हिन्दु नववर्ष
भरत कुमार सोलंकी
"साफ़गोई" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
खाने पुराने
खाने पुराने
Sanjay ' शून्य'
हमारे जैसी दुनिया
हमारे जैसी दुनिया
Sangeeta Beniwal
कुंडलिया छंद *
कुंडलिया छंद *
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
झरना का संघर्ष
झरना का संघर्ष
Buddha Prakash
मेरी तू  रूह  में  बसती  है
मेरी तू रूह में बसती है
डॉ. दीपक मेवाती
स्वास विहीन हो जाऊं
स्वास विहीन हो जाऊं
Ravi Ghayal
"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
*राजनीति का अर्थ तंत्र में, अब घुसपैठ दलाली है 【मुक्तक】*
*राजनीति का अर्थ तंत्र में, अब घुसपैठ दलाली है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Loading...