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10 Jun 2023 · 1 min read

भरोसा जिंद‌गी का क्या, न जाने मौत कब आए (हिंदी गजल/गीतिका)

भरोसा जिंद‌गी का क्या, न जाने मौत कब आए (हिंदी गजल/गीतिका)
—————————————
(1)
भरोसा जिंद‌गी का क्या ,न जाने मौत कब आए
दिखा दो अपना मुखड़ा तो ,सफल यह जन्म हो जाए
(2)
ख्यालों में तो तुमसे रोज ,होती हैं मुलाकातें
तुम्हारा चेहरा अब तक ,नहीं पहचान हम पाए
(3)
तुम्हारे प्रेम में पड़कर ,ये दुनिया छोड़ दी हमने
हमें मस्ती-नशे का अर्थ ,अब कोई न समझाए
(4)
सुना है हम अमर आत्मा हैं, मालिक अंश तुम्हारे
कभी कोई जरा अनुभूति, हमको भी तो करवाए
(5)
हजारों जन्म की यात्रा में, पाया बस अधूरापन
हमेशा चूक ही पाई, रहे आखिर में पछताए
—————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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