Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

भरमाभुत

भरमाभुत

जन जन में ब्याप्त है
भरमाभुत सवार
मंशा भ्रम पाप का
को है मेंटनहार।

सुर्य ताप से तप रहा,
जस अग्नि से आग
भरमभुत म जग जलें,
कौन कोयली कौन काग।।

कवि विजय की सोच है
पल पल बाढे़ यार
जन जनार्दन कर चलों
विश्वास करेंगे पार।।

पति पत्नी विश्वास करें
मिलें जनम‌ एक बार
विश्वास जगत में सार है
वहीं खेवन हार।।

स्वर्ग सा घर सुंदर है
हो जायेंगा राख
भरमभुत भरमार से
घट जायेगा साख।।

जो मिला है संतोष कर
न करें पराये आस
मंशा भ्रम भरमार रोग
कर देंगे घर नाश।।

पति-पत्नी का प्रेम अनोखा
कहें विजय का लेख
गृहस्थ आश्रम स्वर्ग सम
ब्रम्ह आनन्द को देख।।

विजय कहें संदेश अब
न करो तकरार
सत्संग बड़ा बैद्य है
वहीं मेटन हार।।

मंशा भ्रम है मानस रोग
कर जायेंगे बर्बाद
विजय वचन को मानिये
करके मन विश्वास।।

विश्वास बड़ा है औषधि
कट जायेगा पाप
नारी है आदिशक्ति
महादेव है‌ आप।।

कवि विजय की सोच है
सुखी रहें संसार
हाथ जोड़ नमन करूं
सबको सीता राम।।

गांव विजय कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर

Language: Hindi
2 Likes · 339 Views

You may also like these posts

फिर तेरी याद आई , ए रफी !
फिर तेरी याद आई , ए रफी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
इस तरह मुझसे नज़रें चुराया न किजिए।
इस तरह मुझसे नज़रें चुराया न किजिए।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
हर वो शख्स खुश रहे...
हर वो शख्स खुश रहे...
Ravi Betulwala
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
माटी तिहार
माटी तिहार
Dr. Kishan tandon kranti
अपना अपना सूरज
अपना अपना सूरज
Karuna Bhalla
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़माना इतना बुरा कभी नहीं था
ज़माना इतना बुरा कभी नहीं था
shabina. Naaz
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
"बड़बोलापन यूं बना देख कोढ़ में खाज।
*प्रणय*
अचानक ज़िन्दगी में कभी –
अचानक ज़िन्दगी में कभी –
पूर्वार्थ
मेरे अंतस मे बह गए
मेरे अंतस मे बह गए
Meenakshi Bhatnagar
"पेड़ों की छाँव तले"
Anil Kumar Mishra
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
Ravi Prakash
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
Abhishek Kumar Singh
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
Akash Agam
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
Manoj Mahato
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
इंजी. संजय श्रीवास्तव
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
Dr.Pratibha Prakash
जिंदगी
जिंदगी
Deepali Kalra
देख लूं आज मैं भी 'अज़ीम आसमां को मुद्दतों से,
देख लूं आज मैं भी 'अज़ीम आसमां को मुद्दतों से,
manjula chauhan
नज्म- नजर मिला
नज्म- नजर मिला
Awadhesh Singh
मत करना तू मुझ पर भरोसा
मत करना तू मुझ पर भरोसा
gurudeenverma198
बरसात का मौसम सुहाना,
बरसात का मौसम सुहाना,
Vaishaligoel
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पिता का अभिमान बेटियाँ
पिता का अभिमान बेटियाँ
उमेश बैरवा
2573.पूर्णिका
2573.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गंगा ....
गंगा ....
sushil sarna
Loading...