*भयभीत है *
दिल भी अलग रास्ते भी अलग, यह आज की प्रीति है।
सैकड़ों घूमते हैं होके निडर , कोई बड़ा भयभीत है ।।
बदल लेंगी ये अपना राश्ता , चलती हुईं हवाएं कब
भरोशे मन्द नहीं हैं ये पल भी,देखना बड़ी पलीत हैं ।।
कब बदल जाएँ दल बदलू , फ़ंस के यार दल दल में
गरमाहटों के बीच सुलगती , छल कपट की नीति है ।।
रोज व् रोज तो दिखते हैं नजारे यहां,बिना गिनती के
समझना यह जरूरी है,क़ि कौन दुश्मन है कौन मीतहै।
कब धोखा दे जाए बनकर, सगा भाई वो अपना अब्
चलती हुई राहों में दोश्तों की , आज की क्या धीति है।
बाद परखने के आग़ोश में भरना , पाल साहबतुम
यह बताता तजुर्बा है जिंदगी का, मेरा छोटा गीत है ।।