भगवान
मेरे हिस्से का भगवान
अंधा बहरा
दिल का खुरदुरा
दिल की नरम रेत पर
खींचता है
पत्थर से लकीर
फिर उन पत्थरों को
एहसासों के समन्दर मे उछाल
लगाता है ठहाके
मेरे बहते आंसुओं को
भर के नक्काशीदार
सुराहियों में
पीता है जाम की तरह
की दिल बहलाने की खातिर
ही तो
उसने सृजित किया है मुझे
मेरे हिस्से का
विकृत हृदय लिए
एक खुरदुरा भगवान