भगवान बुद्ध
ईच्छवाकु वंश महाराज शुद्धोधन और कोलीय वंशी
राजकुमारी महामाया देवी से 563 ईसा पूर्व लुम्मुबिनी
नेपाल मे उत्पन्न हुआ यशस्वी राजकुमार सिद्दार्थ!
सात दिवस के अन्तराल मे माता का हो गया निथन
मौसी गोतमी ने किया बालक पालन पोषण निस्वार्थ!!
धर्मपत्नी यशोधरा से उत्पन्न हुआ राजकुअंर राहुल,
29 वर्ष अल्पायु मेजीवन-मरण चक्र देख विरक्ति से
पत्नी-पुत्र त्याग दिया,त्याग दिया राज-बैभव परमार्थ!!
करते भिछावृत्ति और देशाटन पहुचे बोधगया बिहार!
बोधिवृछ के नीचे पाया ग्यानप्राप्ति का अमिट भावार्थ!!
बने सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध और बाटा प्रेम व्यवहार!
बौद्ध धर्म मूल मंत्र सब मानव एक समान जाने यथार्थ!!
वर्ण भेद और जाति-पाति से ऊपर होता कुशल व्यवहार!
जीव हत्या सम कोऊ पाप नही,पशु-पच्छी वध है स्वार्थ!!
‘मूलमंत्र,बुद्धम शरणम गच्छामि!धम्मम शरणम गच्छामि!!’
माया मोह से हो विरक्त रह,’बोधिसत्व’अनुपालन यथार्थ!!
मौलिक सर्वाधिकार सुरछित रचना
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,सिकंदरा ,आगरा-282007
मो: 9412443093