भगवान बुद्ध
563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंश में, जन्में बुध भगवान थे
पिता शुद्धोधन मां माया देवी, राजा के राजकुमार थे
राजकुमार सिद्धार्थ के मन में
जरा मरण दुखों से मुक्ति के यक्ष प्रश्न थे
छोड़ दिया सब राजपाट, पत्नी यशोधरा पुत्र राहुल
निकल पड़े यक्ष प्रश्नों हल पाने, कठिन तपस्या करने
तप से जाना वोधगया में,फूटे आत्मज्ञान के झरने
ध्यान अंतर्दृष्टि मध्य मार्ग, चार आर्य सत्य बतलाए
अष्टांग मार्ग पर चल साधक, हर पीड़ा से मुक्ति पाए
बहुजन हिताय लोक कल्याण को, उनने संघ बनाया
बौद्ध दर्शन की शिक्षाओं को, दुनिया में उनने पहुंचाया
चीन जापान कोरिया मंगोलिया वर्मा थाईलैंड श्रीलंका
संसार को मार्ग दिखाया, उनसेवोधिसत् अमृत पाया
बौद्ध धर्म ने सत्य प्रेम करुणा का, दुनिया मार्ग दिखाया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी