भगवान्(कविता)
निसर्ग गोद मे
अमूल्य कंचा संग
मनुख्क मुस्की मे
मनुखक रोदन मे
केओ छथि अत
जे सब देखि रहल छथि
मठ मंदिर मे
मसजिद गुरूदारा मे
कण कण मे
सब परान मे
केओ छथि अत
जे सब देखि रहल छथि
विधापतिक गीत मे
महाभारत रामायण मे
कुरान बाइबल मे
मानवता धरम मे
केओ छथि अत
जे सब देखि रहल छथि
मौलिक एवं स्वरचित
@श्रीहर्ष आचार्य