भगवत गीता जयंती
ज्ञान कर्म और भक्ति योग की, त्रिवेणी भगवत गीता है वेद उपनिषद और शास्त्र की, संगम भगवत गीता है ज्ञान कर्म और धर्म मनुज का, गीता ज्ञान कराती है मोह अज्ञान नष्ट कर , जीवन जीना सिखलाती है
ज्ञान कर्म और भक्ति मार्ग, गीता ईश्वर की वाणी है सुख और दुख से मुक्ति की, गीता अमृत में समानी है गीता जीवन निवृत्ति है, गीता भवसागर मुक्ति है जीवन जीने की युक्ति है
आत्मा और परमात्मा ज्ञान, असाधारण अभियुक्ति है गीता है संसार सार, पारलौकिक प्रतिभूति है
ईश्वर जीव संबंधों की, गीता अनुपम कृति है
ओम नमो भगवते वासुदेवाय
सुरेश कुमार चतुर्वेदी