Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2016 · 5 min read

बढ़ते बॉलीवुड के कदम

मेरा पहला लेख
आंतरिक प्रेरणा ने लेख को मजबूर किया ।
जैसा कि हम जानते हैं कि फ़िल्म जगत को मुख्य रूप से हम दो रूपों में जानते हैं बॉलीवुड और हॉलीवुड।
परन्तु बॉलीवुड हमारे हिंदी जगत का सिनेमा है इतना ही समझ में आता है । एक समय जब स्वर्ग , पत्थर के सनम , मोहम्मद रफ़ी का जमाना था । जब गानों में एक वास्तविकता एवम् आंतरिक शान्ति का एहसास हुआ करता था ।
धीरे धीरे आधुनिकता आई , औरत की साड़ी सरकी , और कन्धे से साड़ी में अंतिम दुपट्टे का मोड़ भी खत्म हुआ , घबराना नहीं ये सच्ची कहानी है । सभी को बहुत अच्छा लगने लगा ,क्या फ़िल्म है वाह देख कर मजा आ गया । सभी के कमेंट क्या गजब की आइटम थी । फिर क्या हुआ रेप पर आधारित फ़िल्म बनने लगी। जैसे जैसे इस टाइप की गर्मा गर्म फ़िल्में बनने लगी , एक तरफ लोगों को मजा आने लगा दूसरी तरफ युवा पीढ़ी उसी का अनुसरण करने लगी । अब बन्द कमरे में पति पत्नी एवम् सुहाग रात को क्या करते हैं वो भी लगभग 80 प्रतिशत दिखाया जाने लगा । देखिये भड़कना नहीं । सच तो सच है । फिर अब ये वक़्त है लिव इन रिलेशनशिप यानी शादी भी क्यों करनी जिस्म का आनन्द लो । आगे सोच मिलती है तो ठीक है नहीं सन्डे को लेफ्ट और मंडे को नेक्स्ट । निक्कर जितनी नीचे , ऊपर तो जो पहनती है उसकी कोई परिभाषा नहीं । सभी लोगों के विचार देखिये बहुत जबरदस्त फ़िल्म है सीन ही सीन है उसमें तो । मजा आ गया । परन्तु गौर करें यदि आने वाले वक़्त में यदि आपकी 7 साल की सन्तान आपसे पूछेगी पापा ये लड़का लड़की आपस में क्या कर रहें है तो भी आप सोच कर रखें कि आपको क्या कहना है । क्योंकि उसकी जिज्ञासा आप नहीं शांत करोगे तो वो बाहर कहीं आपका विकल्प ढूंढेगी। किसी लड़की का रेप होता है आप उसे इतना हाईलाइट करते हैं जैसे सबसे ज्यादा सहानुभूति आप ही को है । शेयर , टैग , लाइक , कमेंट फेसबुक पर एवम् अन्य अनुप्रोयोगों पर वायरल कर अपनी दरियादिली दिखातें है ।आप में से कितने लोग जो बॉलीवुड के आज के हालत को गलत मानकर खुलकर विरोध करना चाहते हैं । लड़कियां तो बस गिनी चुनी होंगी । अभी किसी का बलात्कार हो जाये तो मोमबत्ती लेकर ऐसे खड़ी होंगी जैसे इनसे ज्यादा सादगी की मिसाल कोई है नहीं और ये देश की सभ्यता की मूरत है । क्या आप बॉलीवुड के नंगेपन को लेकर चिंतित है , कृपया बताएं एवम् मुझे ईमेल करें फिर इस पर कोई कार्यवाही की जायेगी परन्तु मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता मेरी आवाज को दबाने में उन्हें 1 दिन भी नहीं लगेगा जो वासनाओं का प्रदर्शन कर आज के युवाओं को भर्मित कर दोनों की जिंदगी तबाह कर रहे हैं । अभी भी समय है अपनी आने वाली पीढ़ी को बचा लें जितना हो सकता है नहीं तो ऐसा वक़्त आएगा । आप हि के बच्चे इतनी गन्दगी में जिएंगे जिसे आप आधुनिकता कहते तो रहेंगे परन्तु आप के पास उसको देखकर आत्महत्या के सिवाय कुछ नहीं बचेगा । आज की कोई ऐसी 10 फ़िल्म बता दो जिसे आप सभी परिवार सदस्य बुजुर्ग समेत देख सकते हो । जवाब ना ही होगा । परन्तु अभी तो ये 40 प्रतिशत नंगापन दिखा रहे है आने वाले वक़्त में जब 80 प्रतिशत हो जायेगा तो समझ लीजिये । स्तनों का प्रदर्शन तो लड़कियां ऐसे करती है जैसे वो बस इसी को फ़िल्म के सफल होने का आधार मानते हैं मेरे शब्द कड़े जरूर हैं परन्तु जो देख रहा हूँ लिखे बिना रह नहीं स्का । क्या आप की अंतरात्मा से पूछे कि ये 1 प्रतिशत भी आपका मन गवाही देता हैं। यदि आप का इतना ही मन है तो कुछ स्पेशल फ़िल्म बन्नी चाहिए जिसमे एडल्ट सीन हो । जिसकी वासना देखने की इच्छा हो वो अपनी इच्छानुसार देख ले । परन्तु आज टीवी का कौन सा चैनल चलायें ये सोच में पढ़ जाते हैं ।परिवाद में प्रति व्यक्ति का पर्सनल रूम का रिवाज भी इसी शर्म ने शुरू किया है एडल्ट सीन देखने का मन करता है युवा पीढ़ी का परन्तु घरवालों के सामने देख नही पातें। युवा पीढ़ी असहनशील एवम् चिड़चिड़ी हो रही हैं। आज भी लड़कों के मन को बहाने वाला आकर्षण सूट सलवार में ही है । परन्तु लड़कियां सोचती हैं बिना आँचल छाती की रॉब दिखा कर लड़कों को आकर्षित कर लेंगी ये गलतफहमी है वो आपको अपनी मेहबूबा के रूप में देखकर नहीं आकर्षित होंगे बल्कि आँखों की प्यास बुझाने मात्र , कुछ समय के लिए वासना पूर्ति का साधन समझ कर काम चलाने का माध्यम ही समझेंगे । जीन्स टॉप की जगह आँचल ढका सूट भी पहन ले मेरी बहन और माँ तो 70 प्रतिशत आँखों में गन्दगी यहि दूर हो जायेगी । कुछ लड़कियां ये कहती अपनी सोच सही रखो। नारी को सशक्त किसलिए बेमाने का प्रयत्न किया गया जो पुरुष उन पर अत्याचार करते थे मारपीट वगैरा उसके खिलाफ खड़ी हो , ये नहीं नग्नता का प्रदर्शन कर ये दिखाएँ , हम broad minded है । डूब मरें ऐसी सोच जो अंग प्रदर्शन को सब कुछ मानती है । यही तो है बॉलीवुड का जूनून । सास बहु का और तलाक का सबसे बड़ा कराने षड्यंत्र से भरपूर नाटकों का होना है । जाग जाओ भारतीयों। यदि आपकी इंसानियत एवम् अंतरात्मा दुबारा से आशिकी की सादगी मांगती है एवम् हवस एवम् वासनाओं के प्रदर्शन उदहारण के तौर पर इमरान हाश्मी जैसी कलाओं के विरुद्ध अंदर से आपको कुछ कहती है तो मुझे ईमेल करें । 200 लोगों के होते ही अभियान शुरू हो जायेगा । जागृति का । देखता हूँ क्या 100 करोड़ की जनता में ऐसी सोच रखने वाले 200 लोगों के आगे आने में कितनी देर लगती हैं ।
मेरी ईमेल -ksmalik2828@gmail.com
आपको मेरी इस पोस्ट पर कोई व्यंग्य करना हो खुल कर इस पेज पर करें अच्छा या बुरा स्वागत है । जागृति में सहयोग के लिए इसे शेयर कर इस बात को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोग कर सकते हैं।
फेस बुक पर एक ग्रुप भी बनाया गया है VOICE AGAINST BOLLYWOOD
आपका कवि एवम् शायर
कृष्ण मलिक© लेख नंबर-1/2016 14.07.2016

Language: Hindi
Tag: लेख
438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from कृष्ण मलिक अम्बाला
View all
You may also like:
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
आइना अपने दिल का साफ़ किया
आइना अपने दिल का साफ़ किया
Anis Shah
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
सिंदूरी भावों के दीप
सिंदूरी भावों के दीप
Rashmi Sanjay
सब वर्ताव पर निर्भर है
सब वर्ताव पर निर्भर है
Mahender Singh
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* सत्य पथ पर *
* सत्य पथ पर *
surenderpal vaidya
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"रिश्तों का विस्तार"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
Paras Nath Jha
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
gurudeenverma198
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
■ रोने से क्या होने वाला...?
■ रोने से क्या होने वाला...?
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
Shubham Pandey (S P)
इबादत आपकी
इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
सजदे में सर झुका तो
सजदे में सर झुका तो
shabina. Naaz
प्रेम का दरबार
प्रेम का दरबार
Dr.Priya Soni Khare
♥️मां ♥️
♥️मां ♥️
Vandna thakur
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शहर माई - बाप के
शहर माई - बाप के
Er.Navaneet R Shandily
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
पूर्वार्थ
देव विनायक वंदना
देव विनायक वंदना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-247💐
💐प्रेम कौतुक-247💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
Vishal babu (vishu)
Loading...