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14 Nov 2021 · 1 min read

बड़ी तकलीफ है

बड़ी तकलीफ है,
आजकल के प्यार में।
झुमका भी नहीं गिरता,
अब बरेली के बाजार में।

जो अँखियों में लगके,
रोशनी बढ़ाता था।
वो कजरा मोहब्बत वाला,
महंगा हुआ व्यापार में।

यूँ तो प्यार में तकनीकी,
बहुत बढ़ गयी है,
अखियों के झरोखे से,
अब कौन देखता दीदार में।

बड़ी शिद्दत से ढाला था,
चिलमन में उनको।
वो अखियों से गोली मार,
देते गुले बहार में।

लूटा,उल्फत में,दिलों जान,
मैं हुआ भिखारी,
मन क्यूँ बहका रे बहका,
इस मतलबी संसार में।

*********************
अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.

Language: Hindi
1 Like · 324 Views
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