बोलो माँ
कैसे तुझे पुकारूँ मॉ ( कविता)
— आरती लोहानी
कैसे तुझे पुकारूँ हे मॉ !
बोल कोख में क्यों मारा ,मॉ !
कैसे आप बनी हत्यारिन ।
मातृत्व आपका हारा , मॉ !!१!!
थी क्यो बोझ धरा पर ,बोलो !
तू इतना बतला दे मुझको !
क्या तेरी सेवा ना करती ।
तू इतना समझा दे मुझको !!२!!
बस, इतना बतलादे मुझको ।
भाई जैसे मैं ना पढ़ती ।
क्यों इतनी नफ़रत थी मुझसे ।
मैं कुल की इज्जत ही बनती !!३!!
तुमको किंचित दया न आयी ।
सॉसें मेरी धड़क रहीं थीं ।
मेरे सपने चूर कर दिये ।
आने को मैं मचल रही थी ।।४!!
— आरती लोहानी ( पंजाब )