बोलती आँखें
बोलती आँखें
01.
आँखों में पानी
कह गई कहानी
दिल की मानी ।
02.
आँखें पनीली
सहेज रखी मोती
स्मृतियाँ ताजी ।
03.
चाँद सौगात
चेहरा चमकाती
कजरी रात ।
04.
नभ के भाल
लगा रवि तिलक
रूप दमका ।
05.
आँखें बोलतीं
सन्नाटे की आवाज
राज खोलतीं ।
☆☆☆
□ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
मो.नं. 7828104111