बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा- फरज निभाणा
हे रै- सबने अपणी बोट डाल कै, अपणा फर्ज निभाणा सै
अपणी मर्जी का फेर हमनै, देस मै नेता ल्याणा सै।।
बोट मै ताकत बहोत घणी सै, नेता याये बणावै सै
करै घमण्ड जो बण कै नेता, उसनै सबक सिखावै सै
बोट डालणा ब्होत जरुरी, सबतै यो ये बताणा सै..
अपणी मर्जी का फेर हमनै, देस मै नेता ल्याणा सै।।
आया ना जो पाँच साल भी, उसतै सबक सिखाणा सै
बोटर की ताकत भी उसनै, फेर तै आज दिखाणा सै
जनता तै जो मुंह मोडै सै, उसने पाठ पढाणा से
अपणी मर्जी का फेर हमने, देस मै नेता ल्याणा सै।।
कितना भी हो काम छोड़ कै, सब तै यो समझाणा सै
बार-बार ना मिल्य यो मौका, इसनै नहीं गवाणा से
अपणा भारत सब तै प्यारा, सब तै आज बताणा सै
अपणी मर्जी का फेर हमनै, देस मै नेता ल्याणा सै।।
करै घोटाले भरै तिजोरी, बच के हमनै रहणा सै
बैरी देश के से वो नेता, अरबिन्द का यो कहणा सै
बोट डाल कै फरज निभाणा, और नहीं अब सहणा सै
अपणी मर्जी का फेर हमनै, देस मै नेता ल्याणा सै।।
हे रै- सबने अपणी बोट डालकै, अपना फर्ज निभाणा सै
अपणी मर्जी का फेर हमनै, देस मै नेता ल्याणा सै।।
अरविन्द भारद्वाज