” बोझ “
” बोझ ”
जितने लोगों से मिला
सबके सिर पर बोझ थे
मैं सोचता रह गया
हाय ! यह कैसा संसार,
होगा कैसे लोगों का
इस बोझ से उद्धार।
” बोझ ”
जितने लोगों से मिला
सबके सिर पर बोझ थे
मैं सोचता रह गया
हाय ! यह कैसा संसार,
होगा कैसे लोगों का
इस बोझ से उद्धार।