Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2023 · 1 min read

बैसाख का महीना

वैशाख का महीना है, बादल पसीने से निचुड़ रहा हैं.!
धरती पिघल रही है, आम चूसने का मन कर रहा है.!!

ये चीकू ये अंगूर और अनार सब रस से भरे है,
छूकर देखो तो सब मखमल से बने है.!
तरबूज अंदर से सुर्ख़ लाल हो रहा है,
सूखा गला गीला करने का दिल कर रहा है.!!

चेहरे का मेकअप अब उतरने लगा है,
पतक्षण भी अब निकलने लगा है.!
कोयल की कू कू बसंत में आने लगी है,
कोई नया फूल तोड़ने का दिल कर रहा है..!!

फूस की बंद अंगड़ाइयाँ अब खुलने लगी है,
शर्दी की चिपकी बूंदे अब अलग होने लगी है.!
खीरे ककड़ी लौकी करेला सब दिखाई दे रहे हैं,
लीची को छीलकर खाने का दिल कर रहा है.!!

अब जमीन की भी प्यास बढ़ने लगी है,
हर जगह दरारें दिखने लगी हैं.!
अब पंखों से काम चल नहीं रहा है,
एसी में कंबल ओढ़कर सोने का दिल कर रहा है.!!

Language: Hindi
2 Likes · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दुआ
दुआ
Dr Parveen Thakur
शासन हो तो ऐसा
शासन हो तो ऐसा
जय लगन कुमार हैप्पी
"ऐ मुसाफिर"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
surenderpal vaidya
मिमियाने की आवाज
मिमियाने की आवाज
Dr Nisha nandini Bhartiya
The Lost Umbrella
The Lost Umbrella
Sridevi Sridhar
"लक्ष्य"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
😊😊😊
😊😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
गंवई गांव के गोठ
गंवई गांव के गोठ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
डीजल पेट्रोल का महत्व
डीजल पेट्रोल का महत्व
Satish Srijan
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
Dheerja Sharma
Chalo khud se ye wada karte hai,
Chalo khud se ye wada karte hai,
Sakshi Tripathi
मुक्तक
मुक्तक
Mahender Singh
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
शेखर सिंह
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
2360.पूर्णिका
2360.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुरली कि धुन
मुरली कि धुन
Anil chobisa
रिश्ते
रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
सर्वश्रेष्ठ कर्म
सर्वश्रेष्ठ कर्म
Dr. Upasana Pandey
पढ़ो और पढ़ाओ
पढ़ो और पढ़ाओ
VINOD CHAUHAN
पर्यावरण प्रतिभाग
पर्यावरण प्रतिभाग
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
रक्षा बन्धन पर्व ये,
रक्षा बन्धन पर्व ये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*मिला है जिंदगी में जो, प्रभो आभार है तेरा (मुक्तक)*
*मिला है जिंदगी में जो, प्रभो आभार है तेरा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...