“बे-दर्द”
“बे-दर्द”
गम से रोज मुलाकात होती रही,
फिर भी लगा रहा उसे भुलाने में।
बड़ा बे-दर्द रहा दर्द सूनी रातों का,
चैन न मिला दिल को भी जलाने में।
“बे-दर्द”
गम से रोज मुलाकात होती रही,
फिर भी लगा रहा उसे भुलाने में।
बड़ा बे-दर्द रहा दर्द सूनी रातों का,
चैन न मिला दिल को भी जलाने में।