बेहिसाब यादें तेरी
बेहिसाब यादें तेरी,
इस दिल को तड़पा जाती है
मै सोंचू इनको विसरा दूं,
वो तिल तिल बढ़ती जाती है।
इन अश्क सैलाब की धारों से,
मै सोचूं पीड़ा धो डालूं,
पर जितना अश्क बहाता हूं
उतनी पीड़ा बढ़ जाती है।
बेहिसाब यादें तेरी,
इस दिल को तड़पा जाती है
मै सोंचू इनको विसरा दूं,
वो तिल तिल बढ़ती जाती है।
इन अश्क सैलाब की धारों से,
मै सोचूं पीड़ा धो डालूं,
पर जितना अश्क बहाता हूं
उतनी पीड़ा बढ़ जाती है।