बेवफा
नदी का किनारा बेवफा ना हुआ हमारा, ढूंढ़ा नया सहारा, बेदर्दी पर्वत का नजारा भी दिल को ना लगा प्यारा, दुनिया में कहां पाऊं बेवफा प्रेमिका जैसा नया सहारा।
सच्चा आशिक रोता है, जब बेवफा प्रेमी प्रेमिका सजा देता है, मौका क्यों नहीं देता है, यह प्यार ऐसा क्यों होता है।
दिल को सजा दूंगा, बेवफा प्रेमिका को सिर्फ वफा दूंगा, उसकी राहों के कांटे पलकों से उठा लूंगा।
ना रही मिलने की आस, फिर भी लगता है बेवफा का प्यार है पास।
ना रहा जग का होश, दुनिया में राकेश रहकर भी मदहोश।