बेवफा जिंदगी
जिंदगी गर हमसे वफ़ा करती ,
तो मौत का ख्याल क्यों करते ?
क्यों रह -रह दमन को हम अपने ,
अश्कों से सदा भिगोते ही रहते ?
ग़मों का तूफ़ान रहता है सदा सीने में,
शायद इसीलिए हम आहें भरा करते.
जिंदगी गर हमसे वफ़ा करती ,
तो मौत का ख्याल क्यों करते ?
क्यों रह -रह दमन को हम अपने ,
अश्कों से सदा भिगोते ही रहते ?
ग़मों का तूफ़ान रहता है सदा सीने में,
शायद इसीलिए हम आहें भरा करते.