बेवफाई
कैसा प्यार कैसी बफाई है ।
कोई बताए इश्क की कोई दवाई है ।
मेरे सीने में वफा का रंग है साथी।
वह करती प्यार कैसे है।
जिसमें बेवफाई और बेवफाई है।
इश्क का रंग था मौसम सुहाना था।
जब तक साथ आना जाना था।
उससे रिश्ता लगता पुराना था।
मगर इक दिन बिछुड कर दूर हो गई ।
गली सूनी दिखी जहाँ उसका आना जाना था।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र