बेवफाई
तुम्हें क्या मिला।
मुझे तो दर्द मिला
तुम्हे क्या मिला।
सुबह की अरुणाई से
नहाने के सुकून के बाद
मुझे तो तपन मिली,
तुम्हें क्या मिला।
दरकता है, मेरा जिस्म
तुम्हें याद कर, करके
चुभन है, एक खंजर की
गहरे में, कहीं दिल के।
याद कुछ तो होगा तुम्हें
आज भी, उन लम्हों में से,
बेवजह, बेवफाई करके
तुम्हें क्या मिला।
मुझे तो दर्द मिला
तुम्हें क्या मिला।
गोविन्द मोदी-8209507223