बेवफ़ा इश्क़
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/0998ee17e80f587b0f2898ac41245b2b_e27167239a8bc6f359efdf44eb21b739_600.jpg)
इश्क सीखने को मैंने सोचा तुमसे,
सुना तुमसे इश्क करने को जमाने जाने लगे।
और बिछड़ा जो भी तुमसे तो हाल मैंने देखा उनका
तुमसे बिछड़ कर यार सब मयखाने जाने लगे।।
शराब का नशा बहुत बुरी लत है, तेरे इश्क का नशा करके लोगों की जाने जाने लगे।
और जो कुछ बच गए तेरे इश्क में मरने से
वे बचे लोग आज शायर जाने जाने लगे।।
तुझसे इश्क़ में जीती हर दफा मधुयंका,
जो रूठी एक बार तो तुम मनाने आने लगे।
शायद महफिल की बदनामी से डर गए तुम यार
इसलिए तुम मुझसे इश्क निभाने आने लगे।।