Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2024 · 1 min read

“बेमानी”

“बेमानी”
बेमानी है यह पूछना
चट्टान धारा में है
कि धारा के खिलाफ़,
ठीक वैसे ही
जैसे जल में है मानव
जल के खिलाफ़,
इस पर कुछ कहना हो
तो गौर फरमाइए आप?

4 Likes · 3 Comments · 180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
Keshav kishor Kumar
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं पीपल का पेड़
मैं पीपल का पेड़
VINOD CHAUHAN
तमाशा जिंदगी का हुआ,
तमाशा जिंदगी का हुआ,
शेखर सिंह
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके  ठाट।
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
गुमनाम 'बाबा'
"सच की सूरत"
Dr. Kishan tandon kranti
राममय दोहे
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमारी सोच
हमारी सोच
Neeraj Agarwal
अगर आप
अगर आप
Dr fauzia Naseem shad
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आदमी का वजन
आदमी का वजन
पूर्वार्थ
Life is too short
Life is too short
samar pratap singh
🙏🏻*गुरु पूर्णिमा*🙏🏻
🙏🏻*गुरु पूर्णिमा*🙏🏻
Dr. Vaishali Verma
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन की बुलंद
मन की बुलंद
Anamika Tiwari 'annpurna '
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
स्नेह - प्यार की होली
स्नेह - प्यार की होली
Raju Gajbhiye
"एजेंट" को "अभिकर्ता" इसलिए, कहा जाने लगा है, क्योंकि "दलाल"
*प्रणय*
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
3264.*पूर्णिका*
3264.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इख़्तिलाफ़
इख़्तिलाफ़
अंसार एटवी
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
gurudeenverma198
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
अर्चना मुकेश मेहता
यदि आपका आज
यदि आपका आज
Sonam Puneet Dubey
I want to have a sixth autumn
I want to have a sixth autumn
Bindesh kumar jha
Loading...