बेबफ़ा
पिघलना था मेरी रूह को, मगर मेरी आँखें पिघल गयी ।
तुझे दूर जाते हुए देखकर, मेरी तबियत बिगड़ गयी ।।
दुःखी दिल से आया था, मुलाकात करने तुझसे ।
तेरी सहेलियों देखकर, मेरी नियत बिगड़ गयी ।।
ये आखिरी मुलाकात होती, जो तू मुझे अकेली मिलती ।
हसीन सहेलियां देखकर, तेरी गली में मेरी अबाजाही बढ़ गयी।।
सोचता था मैं कि खुशनशीब था पाकर तेरे साथ को ।
तेरी सखियां देखकर, मेरी सोच गलती में बदल गयी।।
शुक्रिया तेरा जो तू मुझे मिली और दगा देकर चली गयी ।
अपनी सखियों से बात करने की शुरुआत देकर चली गयी ।।
मिलना बिछड़ना तो जिन्दगी का खेल है मेरे दोस्त ।
मगर तू इतनी हसीन शुरुआत देकर चली गयी।।