– बेबस निगाहे –
– बेबस निगाहे –
तांकती है तुमको मेरी बेबस निगाहे,
तरसती है तेरे दीदार को मेरी बेबस निगाहे,
प्यासी सी है तेरे एक झलक को मेरी बेबस निगाहे,
इंतजार करती है तेरा मेरी बेबस निगाहे,
रास्ता तकती है तेरा मेरी बेबस निगाहे,
बादशाह भी झुक जाते है तेरे सामने,
हो जाती है तुम्हारे आगे उनकी भी बेबस निगाहे,
हरकते करती है मेरी बेबस निगाहे,
तुझे देखकर सुकून पाती है मेरी बेबस निगाहे,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान