Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

बेफिक्री की उम्र बचपन

बेफिक्री की उम्र होती है बचपन,
न पढ़ाई लिखाई का तनाव, और,
न ही खान पान की बंदिश,
न स्वास्थ्य की चिन्ता, और,
न ही पूजा-पाठ का नियम।
…………
बचपन में जो खाने को मिल गया,
ईश का प्रसाद ही कहलाया,
जो पहनने को मिल गया,
वह प्रभु का पटवस्त्र ही कहलाया,
जो तोतलाहट में बोल दिया,
वही ब्रह्म वाक्य कहलाया।
…………..
भोलेपन से भरपूर और,
ईर्ष्या द्वेष से कोसों दूर होता है,
बाल- बचपन जीवन,
इस जीवन में सभी प्यार करने वाले होते हैं,
जीवन में प्यार ही प्यार होता है ।
………………

बचपन में गुरु भी दोस्त बनकर आता है,जो,
पढ़ाता कम और प्यार ज्यादा लुटाता है,
नित नए -नए शिष्टाचार सिखलाता है, और,
जीवन को खुशियों से भर देता है।
…………
बचपन में शिक्षक अच्छे बुरे की पहचान कराता है,
जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करता है,
जीवन को सफ़लता से जीने के गुर सिखलाता है,
बचपन की दहलीज को युवावस्था तक पहुंचाता है।

घोषणा – उक्त रचना मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है। यह रचना पहले फेसबुक पेज या व्हाट्स एप ग्रुप पर प्रकाशित नहीं हुई है।

डॉ प्रवीण ठाकुर,
भाषा अधिकारी,
निगमित निकाय भारत सरकार,
शिमला हिमाचल प्रदेश।

Language: Hindi
430 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जनता
जनता
Sanjay ' शून्य'
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Akash Yadav
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मां🙇🥺❤️
मां🙇🥺❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Ravikesh Jha
*रक्षाबंधन का अर्थ यही, हर नारी बहन हमारी है (राधेश्यामी छंद
*रक्षाबंधन का अर्थ यही, हर नारी बहन हमारी है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
जाओ हम पूरी आजादी दे दिये तुम्हें मुझे तड़पाने की,
जाओ हम पूरी आजादी दे दिये तुम्हें मुझे तड़पाने की,
Dr. Man Mohan Krishna
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
जेठ की दुपहरी में
जेठ की दुपहरी में
Shweta Soni
हम क्रान्ति तो ला चुके हैं कई बार
हम क्रान्ति तो ला चुके हैं कई बार
gurudeenverma198
" मेरा गाँव"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरा वतन
मेरा वतन
Pushpa Tiwari
शोर, शोर और सिर्फ़ शोर, जहाँ देखो वहीं बस शोर ही शोर है, जहा
शोर, शोर और सिर्फ़ शोर, जहाँ देखो वहीं बस शोर ही शोर है, जहा
पूर्वार्थ
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
Anand Kumar
राह
राह
Neeraj Mishra " नीर "
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
वनिता
वनिता
Satish Srijan
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ब्यूटी विद ब्रेन
ब्यूटी विद ब्रेन
Shekhar Chandra Mitra
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
Phool gufran
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
Lokesh Sharma
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
Harminder Kaur
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
👍
👍
*प्रणय*
Loading...