Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2021 · 1 min read

बेनाम राहें

इस जहां में सभी को कहां मिलती है रहगुज़र,
उम्र भर भटकना पड़ता हैं बेनाम राहों पर।
वो खुशनसीब है बड़े जिनको मंजिल मिल जाती है,
वरना जिंदगी गुज़र जाती है अश्क और आहों पर।

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
जब भी अपनी दांत दिखाते
जब भी अपनी दांत दिखाते
AJAY AMITABH SUMAN
■ नि:शुल्क सलाह।।😊
■ नि:शुल्क सलाह।।😊
*प्रणय प्रभात*
पीतल सोना एक से,
पीतल सोना एक से,
sushil sarna
आ ख़्वाब बन के आजा
आ ख़्वाब बन के आजा
Dr fauzia Naseem shad
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
Sonam Puneet Dubey
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
ऐ चांद! तुम इतराते
ऐ चांद! तुम इतराते
Indu Singh
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
Ravi Prakash
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
“एक शाम ,
“एक शाम ,
Neeraj kumar Soni
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सपने ना बंद आँखो में है ,
सपने ना बंद आँखो में है ,
Manisha Wandhare
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
Neeraj Agarwal
"यह कैसा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घुंटन जीवन का🙏
घुंटन जीवन का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
Rituraj shivem verma
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
Loading...