*बेदाग बादशाह
जब देखता हूँ खिलते कमल को
भोर में,
अंधेर घोर में,
आँखों में उतर जाती है
पवित्रता की किरणें,
कीचड़ में खिले कमल की
पवित्रता देखकर,
दर्शनीय है,वंदनीय है
नमन कमल तुझ को,
प्रेरणा है तू गजब सी
आश्चर्य सी
साहस सी
आँखों में विजयी चमक सी,
कि…गंदी कीचड़ में भी है तू
उज्जवल खिला खिला
बेदाग बादशाह,
दागदारो से भरी कलंकित दुनियां में
एक मिसाल है तू,
दृढ़ संकल्प शक्ति की,
उज्जवल खिला खिला
बेदाग बादशाह।।
^^^^^^^दिनेश शर्मा © ^^^^^^^