Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

बेटी

एक एक पल जो गुजरा
वो भारी था दामन में,
मेरा होकर भी पृथक
हो रहा था मेरे अस्तित्व से,
और मेरे अहसास उसके टूटन
के साथ जङ हो बिखर रहा था ,
तड़प रहा था,
रिश्ता होकर भी रिश्ता न हो पाया,
बस अहसास बनकर
मेरी रूह मे समा गयी,
जिसकी प्यारी सी धड़कन
को अनचाही काँटों सा
लहुलुहान कर दिया गया,
ये जानकर की वो एक लड़की है!
कैसा स्वार्थ था ये,
कौन सी बेबसी थी,
पर आज भी मेरे कानों
गूँजती रहती ,
उसकी अनसुनी सी धड़कन,
बार बार मुझे छूकर कहती,
माँ!
मुझे भी आने दो,
अपनी गोद में,
मुझे भी तुम्हारा प्यार
पाने का हक हैं।
मुझे भी माँ कहने का हक है।
इतनी बेरहमी से खुद से
जुदा न करो,
सिर्फ इसलिए कि मैं
एक लड़की हूँ!
क्या मेरे दिल की पुकार
तुम्हारे दिल से अलग है?
पनाह दो मुझे भी माँ।
जन्म लेने अधिकार मुझे भी है
वो अधिकार मत छीनो मुझसे माँ।
पूनम समर्थ ( आगाज ऐ दिल)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
🌷🌷  *
🌷🌷 *"स्कंदमाता"*🌷🌷
Shashi kala vyas
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितना तन्हा, खुद को वो पाए ।
कितना तन्हा, खुद को वो पाए ।
Dr fauzia Naseem shad
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
“Pictures. Always take pictures of people you love. Take pic
“Pictures. Always take pictures of people you love. Take pic
पूर्वार्थ
नमन उन वीर को दिल से,
नमन उन वीर को दिल से,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
पन्नें
पन्नें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
शरद
शरद
Tarkeshwari 'sudhi'
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"गुनाहगार"
Dr. Kishan tandon kranti
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
Shweta Soni
बाहर-भीतर
बाहर-भीतर
Dhirendra Singh
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
शेखर सिंह
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
Manoj Mahato
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक इत्तफाक ही तो था
एक इत्तफाक ही तो था
हिमांशु Kulshrestha
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय*
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर किला परिसर में योग कार्यक्रम*
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर किला परिसर में योग कार्यक्रम*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
भय लगता है...
भय लगता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
4881.*पूर्णिका*
4881.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
Rj Anand Prajapati
Loading...