‘बेटी’
तुझ पर सदा, अभिमान है।
जगदीश का, वरदान है।।
आराधना, माँ से करूँ।
मैं याचना, प्रभु से करूँ।
ईश्वर कृपा, तुझपर रहे।
माँ की दया, हर क्षण रहे।
तू तो बड़ी, गुणवान है।
तुझ पर सदा, अभिमान है।।
ज्ञानी बने, दानी बने।
प्यारी सुता, रानी बने।
उत्साह से, भरपूर हो।
वीरांगना, मशहूर हो।
तू शक्ति का, प्रतिमान है।
तुझ पर सदा, अभिमान है।।
नीयत बुरी, जो भी रखे।
परिणाम भी, जल्दी चखे।
तुझ सी जहाँ, संतान हो।
वो क्यों न फिर, बलवान हो।
जीना हुआ, आसान है।
तुझ पर सदा अभिमान है।।
स्वरचित व मौलिक
-गोदाम्बरी नेगी